Sharab Mein Kahan Nasha

शबाब-ओ-हुस्न, शेर-ओ-ग़ज़ल, शायरी, कलाम
महफ़िल में कितने रंग हैं, फिर जाम का क्या है काम?

नशा जो है शबाब में, शराब में कहाँ
नशा जो है शबाब में, शराब में कहाँ
ख़ुशबू ये मेरे हुस्न की...
ख़ुशबू ये मेरे हुस्न की गुलाब में कहाँ
नशा जो है शबाब में, शराब में कहाँ

जो शायरी मेरी अदा-अदा पे है लिखी
जो शायरी मेरी अदा-अदा पे है लिखी
जो शायरी मेरी अदा-अदा पे है लिखी

ऐसी कोई, ऐसी कोई, ऐसी कोई...
ऐसी कोई ग़ज़ल किसी किताब में कहाँ
नशा जो है शबाब में, शराब में कहाँ

चिलमन से छन-छन के नूर छलकता है हुस्न का
चिलमन से छन-छन के नूर छलकता है हुस्न का
चिलमन से छन-छन के नूर छलकता है हुस्न का

छुपता है ये, छुपता है ये, छुपता है ये...
छुपता है आफ़ताब ये नक़ाब में कहाँ
नशा जो है शबाब में, शराब में कहाँ

गिरतों को बढ़ के थाम ले जो बेख़ुदी में यूँ
गिरतों को बढ़ के थाम ले जो बेख़ुदी में यूँ
गिरतों को बढ़ के थाम ले जो बेख़ुदी में यूँ

ये हौसला, ये हौसला, ये हौसला...
ये हौसला शबाब का शराब में कहाँ
नशा जो है शबाब में, शराब में कहाँ
ख़ुशबू ये मेरे हुस्न की गुलाब में कहाँ
नशा जो है शबाब में, शराब में कहाँ



Credits
Writer(s): Anu Malik, Sameer Anjaan, Hasrat Jaipuri, Kaif Azar
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