Dil Toh Milte Hai - Jhankar

दिल तो मिलते हैं बिछड़ने के लिए
फूल खिलते हैं बिख़रने के लिए
आशियाँ बनते उजड़ने के लिए
अब समझ आया कि चाहत क्या है
अब समझ आया कि चाहत क्या है

बेक़रार तुम, बेक़रार हम
इश्क़ ने दिया सिर्फ़ दर्द-ओ-ग़म
टूट ही गया अपना सिलसिला
हम को प्यार में कुछ नहीं मिला
हम को प्यार में कुछ नहीं मिला

नींद उड़ती है, चैन खोता है
चोट लगती है, दर्द होता है
कोई हँसता है, कोई रोता है
अब समझ आया कि चाहत क्या है
अब समझ आया कि चाहत क्या है

कोई रह गया इंतज़ार में
कोई लुट गया जीत-हार में
कोई फँस गया दिल की बात में
उम्र कट गई एक रात में
उम्र कट गई एक रात में

वादा करते हैं, मुकर जाते हैं
लोग तो हद से गुज़र जाते हैं
चंद लमहों में बिख़र जाते हैं
अब समझ आया कि चाहत क्या है
अब समझ आया कि चाहत क्या है

...चाहत क्या है
...चाहत क्या है



Credits
Writer(s): Sameer Anjaan, Shravan Rathod, Nadeem Saifi
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