Kis Mausam Mein

किस मौसम में
किस मौसम में
किस मौसम में
किस मौसम में
या रब तूने यह दिल तोडा
किस मौसम में
या रब तूने यह दिल तोडा
किस मौसम में

मत पूछो क्या सोच रहा हूँ
खुद में खुद को ढूंढ रहा हूँ
चेहरा रोशन दिल है बुझा सा
लगता हूँ मैं खुद से जुदा सा
चारो तरफ है जिन में अँधेरा
चारो तरफ है जिन में अँधेरा
उन राहों से रिश्ता जोड़ा
किस मौसम में
या रब तूने यह दिल तोडा

किस मौसम में

बदकारो की किस्मत क्या है
ग़म के अलावा दौलत क्या है
बदकारो की किस्मत क्या है
ग़म के अलावा दौलत क्या है
दिल में है फूलो की हसरत
कंधो पर है ग़म का पर्वत
जीन में फ़िज़ा और सूखे पत्ते
जीन में फ़िज़ा और सूखे पत्ते
उन राहों पर लाकर छोड़ा
किस मौसम में
या रब तूने यह दिल तोडा
किस मौसम में
किस मौसम में
किस मौसम में
किस मौसम में
किस मौसम में



Credits
Writer(s): Jagjit Singh, Sudarshan Faakir
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