Solah Singaar

बन के परी मैं तुझको रिझाऊँ
होंठों के लाली की ये ख़्वाहिश है
मैं तेरी बाँहों को चुनरी बना लूँ
कानों के बाली की फ़रमाइश है

लो मैं सँवर गई बिंदिया लगा के
देख ले ये रूप की जो बारिश है

करके १६ सिंगार
करके १६ सिंगार
करके १६ सिंगार
मैं करूँ तेरा इंतज़ार

करके १६ सिंगार
करके १६ सिंगार
करके १६ सिंगार
मैं करूँ तेरा इंतज़ार

देखता रह जाएगा मेरी ये चाँदनी
घुँघटा उठा दूँ मैं तेरे लिये
रोम-रोम तू अपना प्यार में भिगो ले
लाख जला दूँ मोह के दीये

प्यास मैं बुझा दूँगी तेरे सारे दिल की
कर दूँ रंगीन मैं तेरी रातें

करके १६ सिंगार
करके १६ सिंगार
करके १६ सिंगार
मैं करूँ तेरा इंतज़ार

करके १६ सिंगार
करके १६ सिंगार
करके १६ सिंगार
मैं करूँ तेरा इंतज़ार

लाल, नीला अब्र भी तड़पे बदन पे
तेरे छूने की करे आरज़ू
आए घड़ी जो, वल्लाह, अपने मिलन पे
मीठा सा दर्द ये भी बाँट लूँ

बाक़ी हसीनों को भूल तू जाएगा
ऐसे चला दूँ नैनों का जादू

करके १६ सिंगार
करके १६ सिंगार
करके १६ सिंगार
मैं करूँ तेरा इंतज़ार

करके १६ सिंगार
करके १६ सिंगार
करके १६ सिंगार
मैं करूँ तेरा इंतज़ार

आजा, आजा
अब होने दे जो होना
आजा, आजा
मुझको तेरा होना

करके १६ सिंगार
करके १६ सिंगार
करके १६ सिंगार
मैं करूँ तेरा इंतज़ार

करके १६ सिंगार
करके १६ सिंगार
करके १६ सिंगार
मैं करूँ तेरा इंतज़ार

करके १६ सिंगार
मैं करूँ तेरा इंतज़ार



Credits
Writer(s): Krsna Solo
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