Sawan Ke Badlo Ki Niyat

सावन के बादलों की...
सावन के बादलों की, बादलों की निय्यत बड़ी ख़राब है
बरसा है अब के साल जो पानी नहीं, शराब है

सावन के बादलों की...
सावन के बादलों की, बादलों की निय्यत बड़ी ख़राब है
अपनी मोहब्बतों का मौसम ये ला-जवाब है
सावन के बादलों की निय्यत बड़ी ख़राब है

हमने कहा नहीं, पर दुनिया ने सुन लिया
हो, दुनिया ने सुन लिया है
इस दिल ने आज अपने
हो, दिलबर को चुन लिया है

मैं तेरा इंतिख़ाब हूँ...
मैं तेरा इंतिख़ाब हूँ, इंतिख़ाब हूँ, तू मेरा इंतिख़ाब है
सावन के बादलों की निय्यत बड़ी ख़राब है

कुछ सुन रहे थे, लेकिन
मदहोश हो गए हम, मदहोश हो गए हम
कुछ सुन रहे थे, लेकिन
ख़ामोश हो गए हम, ख़ामोश हो गए हम

दुनिया के हर सवाल का...
दुनिया के हर सवाल का, हर सवाल का शायद यही जवाब है
सावन के बादलों की निय्यत बड़ी ख़राब है

कैसे किसी से जा के नज़रें मिलाएँगे हम?
हो, कैसे किसी से जा के नज़रें मिलाएँगे हम?
लोगों से राज़ दिल का कैसे छुपाएँगे हम?

चेहरे पे सब लिखा है...
चेहरे पे सब लिखा है, सब लिखा है, चेहरा खुली किताब है
सावन के बादलों की निय्यत बड़ी ख़राब (निय्यत बड़ी ख़राब है)
बरसा है अब के साल जो पानी नहीं, शराब (पानी नहीं, शराब है)
अपनी मोहब्बतों का मौसम ये ला-जवाब है



Credits
Writer(s): Laxmikant Pyarelal
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link