Dekhoji Chand Nikla - 1 And 2

देखो जी, चाँद निकला पीछे खजूर के
देखो जी, चाँद निकला पीछे खजूर के
बसरे की हूर ना थी आगे हुज़ूर के

देखो जी, चाँद निकला पीछे खजूर के
देखो जी, चाँद निकला पीछे खजूर के
बसरे की हूर ना थी आगे हुज़ूर के
देखो जी, चाँद निकला पीछे खजूर के

आँखों में झूमती हैं नज़रों की शोख़ियाँ
आँखों में झूमती हैं नज़रों की शोख़ियाँ
नज़रों की शोख़ियों में १००-१०० हैं बिजलियाँ
...१००-१०० हैं बिजलियाँ

नज़रों की शोख़ियों में १००-१०० हैं बिजलियाँ
...१००-१०० हैं बिजलियाँ, हो-हो

नीची निगाह कर लो, देखो ना घुर के
नीची निगाह कर लो, देखो ना घुर के

बसरे की हूर ना थी आगे हुज़ूर के
देखो जी, चाँद निकला पीछे खजूर के
देखो जी, चाँद निकला पीछे खजूर के

चेहरा है चाँद जैसा, ज़ुल्फ़ें किरण सी हैं
चेहरा है चाँद जैसा, ज़ुल्फ़ें किरण सी हैं
कहते हैं लोग, मेरी आँखें हिरण सी हैं
...आँखें हिरण हैं

कहते हैं लोग, मेरी आँखें हिरण सी हैं
...आँखें हिरण हैं, ओ-ओ

ढली हुई चाँदनी हूँ साँचे में नूर के
ढली हुई चाँदनी हूँ साँचे में नूर के
नज़रें मिलाती नहीं मारे ग़ुरूर के

देखो जी, चाँद निकला पीछे खजूर के
देखो जी, चाँद निकला पीछे खजूर के



Credits
Writer(s): Chitragupta, Raja Mehdi Ali Khan, S. N. Tripathi
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