Shaamein

तुम कुछ कहो, ना हम कुछ कहें
हाँ, बस यूँ ही बातें होती रहें
नज़दीकियाँ थोड़ी बढ़ा लें
चलो आओ, मिल के चुरा लें

शामें, कई ऐसी शामें
चलो, हम चुरा लें कई ऐसी शामें
शामें, कई ऐसी शामें
चलो, हम चुरा लें कई ऐसी शामें

सदियों से मैंने बंद किए जो दरवाज़े दिल के
वो खुले इस बार
सीने में मेरे पत्थर सा था जो
करने लगा वो अब तुझसे प्यार

किया खुद को तेरे हवाले
चलो आओ, मिल के सजा लें

शामें, कई ऐसी शामें
चलो, हम चुरा लें कई ऐसी शामें
शामें, कई ऐसी शामें
चलो, हम चुरा लें कई ऐसी शामें

शामें, कई ऐसी शामें



Credits
Writer(s): Manoj Muntashir, Amaal Mallik
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