Bandeh

अरे, रुक जा रे बंदे, अरे, थम जा रे बंदे
कि कुदरत हँस पड़ेगी, हो
अरे, रुक जा रे बंदे, अरे, थम जा रे बंदे
कि कुदरत हँस पड़ेगी, हो

अरे, रुक जा रे बंदे, अरे, थम जा रे बंदे
कि कुदरत हँस पड़ेगी, हो
अरे, रुक जा रे बंदे, अरे, थम जा रे बंदे
कि कुदरत हँस पड़ेगी, हो

अरे, मंदिर ये चुप हैं, अरे, मस्जिद ये गुमसुम
इबादत थक पड़ेगी, हो
समय की लाल आँधी, कब्रस्ताँ के रस्ते
अरे, लत-पत चलेगी, हो

अरे, नींदें हैं ज़ख़्मी, अरे, सपने हैं भूखे
कि करवट फट पड़ेगी, हो
अरे, नींदें हैं ज़ख़्मी, अरे, सपने हैं भूखे
कि करवट फट पड़ेगी, हो



Credits
Writer(s): Piyush Mishra, Hyacinth D'souza, Indian Ocean
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