Zindagi Kaisi Hai Paheli

ज़िंदगी कैसी है पहेली, हाय
कभी ये हँसाए, कभी ये रुलाए
ज़िंदगी कैसी है पहेली, हाय
कभी ये हँसाए, कभी ये रुलाए

कभी देखो, मन नहीं जागे
पीछे-पीछे सपनों के भागे
कभी देखो, मन नहीं जागे
पीछे-पीछे सपनों के भागे

एक दिन सपनों का राही
चला जाए सपनों से आगे, कहाँ?

ज़िंदगी कैसी है पहेली, हाय
कभी ये हँसाए, कभी ये रुलाए

जिन्होंने सजाए यहाँ मेले
सुख-दुख संग-संग झेले
जिन्होंने सजाए यहाँ मेले
सुख-दुख संग-संग झेले

वो ही चुनकर खामोशी
यूँ चले जाए अकेले, कहाँ?

ज़िंदगी कैसी है पहेली, हाय
कभी ये हँसाए, कभी ये रुलाए
ज़िंदगी कैसी है पहेली, हाय
कभी ये हँसाए, कभी ये रुलाए

कभी ये रुलाए



Credits
Writer(s): Salil Choudhury
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