Pehle Chitthi Bheji

पहले चिट्ठी भेजी, फिर तार भेजा

पहले चिट्ठी भेजी, फिर तार भेजा
(पहले चिट्ठी भेजी, फिर तार भेजा)
माँ ने बुलावा कई बार भेजा
माँ ने बुलावा कई बार भेजा

बेटा नहीं आया, बेटा नहीं आया
(बेटा नहीं आया, बेटा नहीं आया)
पहले चिट्ठी भेजी, फिर तार भेजा

पूजा-पाठ में उसका तनिक भी ध्यान ना था
क्या होती है माता, उसको ज्ञान ना था
पूजा-पाठ में उसका तनिक भी ध्यान ना था
क्या होती है माता, उसको ज्ञान ना था

वो था बड़ा अभिमानी, मूरख और अज्ञानी
वो था बड़ा अभिमानी, मूरख और अज्ञानी
दौलत का उसपे था नशा छाया
दौलत का उसपे था नशा छाया

बेटा नहीं आया, बेटा नहीं आया
(बेटा नहीं आया, बेटा नहीं आया)
पहले चिट्ठी भेजी, फिर तार भेजा

काली, घनेरी दुख की बदरी छाने लगी
उसको बुरे दिन वाली आदत आने लगी
काली, घनेरी दुख की बदरी छाने लगी
उसको बुरे दिन वाली आदत आने लगी

भूल हुई, पछताया, दौड़ा-दौड़ा आया
भूल हुई, पछताया, दौड़ा-दौड़ा आया
आशीष माँ का तब वो पाया
आशीष माँ का तब वो पाया

बेटा चला आया, बेटा चला आया
बेटा चला आया, बेटा चला आया
बेटा चला आया, बेटा चला आया



Credits
Writer(s): Sameer Sameer, Satish Dehra
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