Nayi Seher

दुआ माँगी थी जो, हुई पूरी है वो
होने लगा है कम कहर
सलामत जान है, थमा तूफ़ान है
फिर आई है नई सहर

जिन्होंने सब की ख़ातिर
अपनी जाँ का जोखिम लिया
वक्त है ये, अब करें हम
उन सभी का दिल से शुक्रिया

दुआ माँगी थी जो, हुई पूरी है वो
होने लगा है कम कहर

सदा दिल में रहेंगे, नज़र से जो दूर हो गए
लड़े वो मौत से, पर आख़िर में मजबूर हो गए

ये वक्त ने फिर से सिखाया
हम साथ हैं तो मुश्किल कुछ भी नहीं
कुछ ग़म के, कुछ पल खुशी के
इनके बिना तो ज़िंदगी नहीं

जिन्होंने सब की ख़ातिर
अपनी जाँ का जोखिम लिया
वक्त है ये, अब करें हम
उन सभी का दिल से शुक्रिया

दुआ माँगी थी जो, हुई पूरी है वो
होने लगा है कम कहर
सलामत जान है, थमा तूफ़ान है
फिर आई है नई सहर

ओ, फिर आई है नई सहर



Credits
Writer(s): Rishabh Srivastava, Syed Amir Hussain
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