Ishq Ka Mausam

क्या देखें किसी और को आँखें
आँखों में तुम्हें भर चुके हैं
जितना इश्क़ था दिल में हमारे
वो हम तुम से कर चुके हैं

Hmm, आस में तेरी रातें जलाए
बैठे तेरे दर पे हम हैं

बारिश का नहीं है, मेरे सनम
ये इश्क़ का मौसम है
बारिश का नहीं है, मेरे सनम
ये इश्क़ का मौसम है

ओ, पास जो तुम हो, ऐ, हमदम
हर शाम भी सावन है
बारिश का नहीं है, मेरे सनम
ये इश्क़ का मौसम है

ओ, पलकों पे मेरे यूँ तो ख़ाब कई सारे हैं
उनमें से जो प्यारे हैं, यार, वो तुम्हारे हैं

ओ, कोई नहीं है इश्क़ के फ़लक पे
बस चाँद तुम हो और हम सितारे हैं
इक चाँद तुम हो और हम सितारे हैं

ओ, साथ तेरे पल जितने गुज़ारे
लगते उतने ही कम हैं
बारिश का नहीं है, मेरे सनम
ये इश्क़ का मौसम है

ओ, चाह में जिसकी जग को भुलाए
तू ही वो जानम है
बारिश का नहीं है, मेरे सनम
ये इश्क़ का मौसम है



Credits
Writer(s): Rahul Mishra, Meer
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