Gajamukha

गणपति बप्पा (मोरया)
मंगल मूर्ति (मोरया)

हो, तू ही शुभारंभ हर काम का, बप्पा मोरया
बजता है डंका तेरे नाम का, बप्पा मोरया
हो, भक्ति में तेरी धुन की रमी मेरी
भवसागर पार कर चला

गजमुखा तेरे दर पे झुका
नत-नत सर मेरा, ओ, लंबोदरा रे
आसरा भक्तों को तेरा
तू स्वामी मेरा और तू ही सखा रे

(गजमुखा तेरे दर पे झुका)
(नत-नत सर मेरा, ओ, लंबोदरा रे)
(आसरा भक्तों को तेरा)
(तू स्वामी मेरा और तू ही सखा रे)

तू ही कारक, तू ही कर्ता, तू ही पूनम, अमावस मेरे
सुखकर्ता तू, दुखहर्ता तू, कर सफल सारे कारज मेरे
तेरी कृपा से, अनुपंका से सरे सुखों का कारण बने
हर रोगी के, हर भोगी के कष्टों का ऐसे निवारण करे तू

चरणों में तेरी श्रद्धा-सुमन मेरी
सर से तू टाले हर बला

गजमुखा तेरे दर पे झुका
नत-नत सर मेरा, ओ, लंबोदरा रे
आसरा भक्तों को तेरा
तू स्वामी मेरा और तू ही सखा रे

(गजमुखा तेरे दर पे झुका)
(नत-नत सर मेरा, ओ, लंबोदरा रे)
(आसरा भक्तों को तेरा)
(तू स्वामी मेरा और तू ही सखा रे)

गणा नाम, गणपति, गणेश, लंबोदर सोहे
भुजा चार, एकदंत, चंद्रमा ललाट लाजे
ब्रह्मा, विष्णु, महेश ताल दे रूप दिखावें
अति विचित्र, गणनाथ आज मृदंग बजावे

घालीन लोटांगण, वंदीन चरण
डोळ्यान पाहीन रूप तुझे
प्रेमे आलिंगन, आनंदे पूजीन
भावे ओवळींन म्हणे नामा

त्वमेव माता च पिता त्वमेव
त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव
त्वमेव विद्या च द्रविणं त्वमेव
त्वमेव सर्वम् मम देवदेव

कायेनवाचा मनसेंद्रीयेरवा
बुद्धयात्मनावा प्रकृती स्वभावा
करोमियज्ञम सकलम परस्मइ
नारायणायति समर्पयामि

अच्युतम, केशवम, राम नारायणम
कृष्ण दामोदरम, वासुदेवम हरी
श्रीधरम माधवं गोपिका वल्लभम
जानकी नायकम रामचंद्रभजे

हरे राम, हरे राम, राम-राम हरे-हरे (मोरया)
हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण-कृष्ण हरे-हरे
हरे राम, हरे राम, राम-राम हरे-हरे (मोरया)
हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण-कृष्ण हरे-हरे



Credits
Writer(s): Saaveri Verma, Shreyas Puranik
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