Jhoothe Hain

कैसे सुनोगे बातें इनकी, ये सारे पागल झूठे हैं, हाँ

कैसे सुनोगे बातें इनकी, ये सारे पागल झूठे हैं, हाँ
धुआँ है इनके आसमाँ और सारे ही बादल झूठे हैं
अभी तो हैं, पर कल ना रहेंगे, माँ के भी आँचल झूठे हैं, हाँ
जिन आँखों पर मचलता है दिल, उन नैनों के काजल झूठे हैं

रूप सभी के बस हैं छलावे, ये चाँदी के पायल झूठे हैं, हाँ
हाँ, रूप सभी के बस हैं छलावे, ये चाँदी के पायल झूठे हैं
ये ओहदे बदलते हैं रोज़ाना ही, ये राजा और रावल झूठे हैं
भूख़ बदन की मिटाए ना मिटती, ये रोटी और चावल झूठे हैं

दर-दर भटकते हैं पैसे कमाने, मकानों के नाँगल झूठे हैं, हाँ
हाँ, दर-दर भटकते हैं पैसे कमाने, मकानों के नाँगल झूठे हैं
ज़मीं की ज़रूरत थी बेटों को, कल के कोलाहल झूठे हैं
माटी के तन ये ज़मीं से मिलेंगे, अंबर-रसातल झूठे हैं



Credits
Writer(s): Bhupendra Khedia
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