Sanyuttanikaye Arya Sacchani (Buddha)

इदं खो पन भिक्खवे! दुक्खं अरिय सच्चं
जातिपि दुक्खा, जरापि दुक्खा
व्याधिपि दुक्खो, मरणम्पि दुक्खं
अप्पियेहि सम्पयोगो दुक्खो, पियेहि विप्पयोगो दुक्खो
यम्पिच्छ न लभति तम्पि दुक्खं, सखित्तेन पञ्चुपादानक्खन्धापिदुक्खा
इदं खो पन भिक्खवे!

इदं खो पन भिक्खवे! दुक्खं समुदयं अरियसच्चं
याय तण्हा पोनोभाविका नन्दिरागसहगता तत्र-तत्राभिनन्दिनी
सेय्य थीदं कामतण्हा, भवतण्हा, विभवतण्हा
इदं खो पन भिक्खवे!

इदं खो पन भिक्खवे! दुक्खनिरोधं अरियसच्चं
यो तस्सायेव तण्हाय असेस-विराग निरोधो, चागो
पटिनिस्सग्गो, मुक्ति,अनालयो
इदं खो पन भिक्खवे!

इदं खो पन भिक्खवे! दुक्खनिरोधगामिनि पटिपदा अरियसच्चं
अयमेव अरियो अट्ठंगिको मग्गो
सेय्यथीदं सम्मादिट्ठि, सम्मासंकप्पो सम्मावाचा, सम्माकम्मन्तो
सम्माआजीवो, सम्मा वायामो सम्मासति, सम्मासमाधि



Credits
Writer(s): Traditional (pd), Shailesh Dani
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