Mehfooz Hai

तुम तलक, बस तुम तलक है सरहद मेरी, मेरा निशाँ
तुम मेरी ख़ामोशियों में मुस्कुराने की वजह
हर साँस की इबादत तुम्हीं से, इक तू जाने, इक ख़ुदा
नज़दीकियाँ तुझसे मेरी जो आँखों से होती बयाँ

महफ़ूज़ है, महफ़ूज़ है, तुझमें मेरा दिल महफ़ूज़ है
मंज़ूर है तुझसे ये रिश्ता, साँसों में होता महसूस है

आँखों में दिखता हर पल तू ही तू, जिस्मों का रस्ता भले दूर है

महफ़ूज़ है, महफ़ूज़ है, तुझमें मेरा दिल महफ़ूज़ है

तेरे साथ में जीने को ये इक उम्र ही काफ़ी नहीं
एक आरज़ू मुझको तेरी, कोई आरज़ू बाक़ी नहीं
करने जुदा ये चाहतें, अब मौत भी आती नहीं
करले यक़ीं, अब रूह भी तुझे छोड़ के जाती नहीं

आँखों में दिखता हर पल तू ही तू, जिस्मों का रस्ता भले दूर है

महफ़ूज़ है, महफ़ूज़ है, तुझमे मेरा दिल महफ़ूज़ है
मंजूर है, मंजूर है, तुझसे ये रिस्ता मंज़ूर है



Credits
Writer(s): Shubham
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