Kuch Baatein

माना, हम यहाँ हैं, दिल मगर वहाँ है
बड़ी दूर हमसे हमसफ़र मेरा है

बनके हवा आ भी जाऊँ मैं, लेकिन
नहीं जानती उसके दिल में है क्या

कुछ बातें हैं कहनी उनसे
चाह के भी नहीं कह पाते हैं
"जो मेरे दिल में है, उसके है या नहीं?"
सोच कर हर दफ़ा घबराते हैं

कुछ बातें हैं कहनी उनसे
चाह के भी नहीं कह पाते हैं

साथ तेरा हमें हर क़दम चाहिए
ज़िंदगी में हमें सिर्फ़ तुम चाहिए
इससे ज़्यादा हमें कुछ नहीं चाहिए
आरज़ू है यही, मेरे बन जाइए

तुम्हें मानते हैं ख़ुदा से भी ज़्यादा
हमारी नज़र से कभी देखना

कुछ बातें हैं कहनी उनसे
चाह के भी नहीं कह पाते हैं
"जो मेरे दिल में है, उसके है या नहीं?"
सोच कर हर दफ़ा घबराते हैं

शाम वो आख़िरी याद है आज भी
होके हम-तुम जुदा फिर मिले ना कभी
दिल ये कहता रहा, रोक लो तुम हमें
तुम ने जाते हुए कुछ कहा ही नहीं

आँखों में नहीं एक आँसू, मगर
दिल में कितनी बरसातें हैं

जा रहे हैं, सनम, महफ़िलों से तेरी
प्यार तेरा यहीं छोड़ जाते हैं
ये दोबारा कभी आँखों में ना चुभें
ख़्वाब तेरे सभी तोड़ जाते हैं

कुछ बातें हैं कहनी उनसे
चाह के भी नहीं कह पाते हैं
"जो मेरे दिल में है, उसके है या नहीं?"
सोच कर हर दफ़ा घबराते हैं



Credits
Writer(s): Kunaal Vermaa, Payal Dev
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