Kanha (Unplugged)

ऊँची-ऊँची डोरियों पे
बाँध ले गगर
पर ना माने ना
कान्हा माने ना

ऊँची-ऊँची डोरियों पे
बाँध ले गगर
पर ना माने ना
कान्हा माने ना

जग जो बिछाये हर जाल काट ले
मक्खन चुराये हर माल छांट ले
मुरली से करे ऐसी trick टिक, टिक, टिक

पनघट की है बड़ी
पनघट की है बड़ी कठिन डगर
पर ना माने ना
कान्हा माने ना

बिज आवे लाज काहे
बदरा बुलावे काहे धीर धरे सजनी
सुरमयी रुत भयी
आजा दोनों यमुना के तीर चलें संगिनी

मन में भ्रमर गुनगुनावे
काहे सखी तू घबरावे
प्रेम तेरा मेरा बड़ा fit, fit, fit, fit

आज तू बहाने चाहे कितने भी कर
पर ना माने ना
कान्हा माने ना

जग जो बिछाये हर जाल काट ले
मक्खन चुराये हर माल छांट ले
मुरली से करे ऐसी trick टिक, टिक, टिक

पनघट की है बड़ी
पनघट की है बड़ी कठिन डगर
पर ना माने ना
कान्हा माने ना



Credits
Writer(s): Tanishk - Vayu
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