Kahani (From "Laal Singh Chaddha")

पम-पा-रा-रा-रा-रम

हो रहा है जो, हो रहा है क्यूँ
तुम ना जानो, ना हम, पम-पा-रा-रा-रा-रम
क्या पता हम में है कहानी
या हैं कहानी में हम, पम-पा-रा-रा-रा-रम

कभी-कभी जो ये आधी लगती है
आधी लिख दे तू, आधी रह जाने दे, जाने दे
ज़िंदगी है जैसे बारिशों का पानी
आधी भर ले तू, आधी बह जाने दे, जाने दे

हम समंदर का एक क़तरा हैं
या समंदर हैं हम? पम-पा-रा-रा-रा-रम

ये हथेली की लकीरों में लिखी सारी है
या ज़िंदगी ये तेरे इरादों की मारी है?
है तेरी-मेरी समझदारी समझ पाने में
या इसको ना समझना ही समझदारी है?

बैठी कलियों पे तितली के जैसी
कभी रुकने दे, कभी उड़ जाने दे, जाने दे
ज़िंदगी है जैसे बारिशों का पानी
आधी भर ले तू, आधी बह जाने दे, जाने दे

है ज़रूरत से थोड़ी ज़्यादा
या है ज़रूरत से कम? पम-पा-रा-रा-रा-रम
क्या पता हम में है कहानी
या हैं कहानी में हम, पम-पा-रा-रा-रा-रम



Credits
Writer(s): Pritam
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link