Mere Paas Aao Mere Dosto

आओ बच्चों, आज तुम्हें एक कहानी सुनाता हूँ मैं
शेर की कहानी सुनोगे, hmm?

Hmm, hmm
मेरे पास आओ, मेरे दोस्तो, एक क़िस्सा सुनो
मेरे पास आओ, मेरे दोस्तो, एक क़िस्सा सुनो

कई साल पहले की ये बात है

बोलो ना, चुप क्यूँ हो गए?

भयानक अँधेरी सी यह रात में
लिए अपनी बंदूक मैं हाथ में
घने जंगलो से गुज़रता हुआ कहीं जा रहा था

घने जंगलो से गुज़रता हुआ कहीं जा रहा था
जा रहा था? नहीं आ रहा था, नहीं-नहीं, जा रहा था
(Ohfo, आगे भी तो बोलो ना) बताता हूँ, बताता हूँ

नहीं भूलती उफ़, वो जंगल की रात
मुझे याद है, वो थी मंगल की रात
चला जा रहा था मैं डरता हुआ
हनुमान चालीसा पढ़ता हुआ

बोलो, "हनुमान की जय
जय-जय बजरंगबली की जय"
हाँ, बोलो, "हनुमान की जय
हे, जय हो, बजरंगबली की जय"

घड़ी थी, अँधेरा मगर सख़्त था
कोई १०:००-१०:१५ का बस वक़्त था

लरज़ता था कोयल की भी कूक से
बुरा हाल हुआ उस पे भूख से
लगा तोड़ने एक बेरी से बेर
मेरे सामने आ गया एक शेर

कोई फिरकी बनके नज़र फिर गई
तो बंदूक भी हाथ से गिर गई

मैं लपका, वो झपका, मैं उपर, वो नीचे
वो आगे, मैं पीछे, मैं पेड़ पे, वो पीछे
अरे, बचाओ! अरे, बचाओ!

मैं डाल-डाल, वो पात-पात, मैं पसीना, वो तार-तार
मैं सुर में, वो ताल में, ये जंगल पाताल में
बचाओ! बचाओ! अरे, भागो रे, भागो! अरे, भागो!

फिर क्या हुआ?

खुदा की क़सम, मज़ा आ गया
मुझे मार कर, बेशरम खा गया

खा गया? लेकिन आप तो ज़िंदा हैं?
अरे, ये जीना भी कोई जीना है, लल्लू, हैं?



Credits
Writer(s): Anand Bakshi, Rajesh Roshan
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link