Karz Chukana Hai (Sad Version)

फ़र्ज़ से तू भागा अब तक
अब फ़र्ज़ की ख़ातिर जीना

अपनों का क़र्ज़ चुकाना है, अब बहाके तुझे पसीना
तूफ़ाँ हो भला हो मुक़ाबिल
तूफ़ाँ हो भला हो मुक़ाबिल, तुझे चलते ही जाना है

बुराई को अच्छाई में एक रोज़ बदल जाना है
जिसका नाम फ़र्ज़ है, वो भी तो एक क़र्ज़ है
फ़र्ज़ समझ कर तुझको हर एक क़र्ज़ चुकाना है
बुराई को अच्छाई में एक रोज़ बदल जाना है



Credits
Writer(s): Rajesh Roshan, Indeevar
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