Kal Jalega Chand Sari Raat

कल जलेगा चाँद सारी रात
कल जलेगा चाँद सारी रात

रात-भर होती रहेगी आग की बरसात
कल जलेगा चाँद सारी रात
कल जलेगा...

बज रहे थे घुँघरू जो बादलों के पाँव में
बज रहे थे घुँघरू जो बादलों के पाँव में
कल वही रोएँगे झर-झर आसमाँ की छाँव में

कह ना पाएँगे सितारे अपने दिल को बात
कल जलेगा चाँद सारी रात
कल जलेगा...

तुम उधर सो जाओगे सपनों के मीठे राग में
तुम उधर सो जाओगे सपनों के मीठे राग में
मैं इधर जलती रहूँगी चाँदनी की आग में

ख़ून बनकर दिल बहेगा आँसुओं के साथ
कल जलेगा चाँद सारी रात
कल जलेगा...



Credits
Writer(s): Madan Mohan, Uddhav Kumar
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