Ek Mithi Si Chubhan

एक मीठी सी चुभन, एक ठंडी सी अगन
मैं आज पवन में पाऊँ, आज पवन में पाऊँ
एक मीठी सी चुभन, एक ठंडी सी अगन
मैं आज पवन में पाऊँ

मन ही मन मैं नाच रही हूँ
मन ही मन मैं नाच रही हूँ, मन ही मन मुस्काऊँ
क्यूँकी मीठी-मीठी सी चुभन, ठंडी-ठंडी सी अगन
मैं आज पवन में पाऊँ

जाग उठा है प्यार, झूमें सब संसार
जाग उठा है प्यार, झूमें सब संसार

अंगडाई लेते हैं सपने
अंगडाई लेते हैं सपने, धर के रूप हजार
नाच उठा है प्यार, आज मेरा झूम रहा संसार
—आज मेरा झूम रहा संसार

मन का आँगन जो सूना था
मन का आँगन जो सूना था, आयी है उसमें बहार
कंगना, पायल
कंगनवा खनके, पायल छमके

लट उलझी सुलझाऊँ, शरमाऊँ, मुस्काऊँ
क्यूँकी मीठी-मीठी सी चुभन, इक ठंडी सी अगन
मैं आज पवन में पाऊँ, आज पवन में पाऊँ

ऐ, मेरे भगवान, इतना कर एहसान
ऐ, मेरे भगवान, इतना कर एहसान

ये रसवंती हवा कहीं ना
ये रसवंती हवा कहीं ना, बन जाए तूफ़ाँ

प्यार मेरा नादान, मन भी हैं अंजान
जल ना जाए बैर अगन में
जल ना जाए बैर अगन में जीवन के वरदान

धीरज भागे, चिंता जागे
धीरज भागे, चिंता जागे
मन ही मन घबराऊँ, घबराऊँ, घबराऊँ



Credits
Writer(s): Jaidev, Uddhav Kumar
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