Gareebon Ka Paseena

ग़रीबों का पसीना बह रहा है

ग़रीबों का पसीना बह रहा है
ये पानी बहते-बहते कह रहा है
कभी वो दिन भी आएगा
ये पानी रंग लाएगा, ये पानी रंग लाएगा

ग़रीबों का पसीना बह रहा है
ग़रीबों का पसीना बह रहा है

ये बूँदें, देख लेना एक दिन तूफ़ान लाएँगी
ज़मीं तो है ज़मीं, ये आसमाँ को भी हिलाएँगी

ग़रीबों के घरों तक चल के ख़ुद बदवाल आएगा
ये पानी रंग लाएगा, ये पानी रंग लाएगा

ग़रीबों का पसीना बह रहा है
ग़रीबों का पसीना बह रहा है

सितम का हद से बढ़ जाना तबाही की निशानी है
बदलते हैं सभी के दिन, पुरानी ये कहानी है

ज़माना एक दिन गिरते हुओं को ख़ुद उठाएगा
ये पानी रंग लाएगा, ये पानी रंग लाएगा

ग़रीबों का पसीना बह रहा है
ग़रीबों का पसीना बह रहा है

अगल जल कर किसी मजबूर ने फ़रियाद कर डाली
के क़ुदरत के ख़ज़ाने, देख, ना हो जाएँगे खाली

ज़मीं फट जाएगी...
ज़मीं फट जाएगी, सूरज का गोला टूट जाएगा
ये पानी रंग लाएगा, ये पानी रंग लाएगा

ग़रीबों का पसीना बह रहा है
ग़रीबों का पसीना बह रहा है
ये पानी बहते-बहते कह रहा है
कभी वो दिन भी आएगा
ये पानी रंग लाएगा, ये पानी रंग लाएगा

ग़रीबों का पसीना बह रहा है
ग़रीबों का पसीना बह रहा है
ग़रीबों का पसीना बह रहा है
ग़रीबों का पसीना बह रहा है
ग़रीबों का पसीना बह रहा है



Credits
Writer(s): Rajinder Krishan, Madan Mohan, Vishwanath, Ramamurthy
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