Shivoham

आत्मा ने परमात्मा को लिया देख ध्यान की दृष्टि से
प्रकाश हुआ हृदय-हृदय, बेड़ा पार हुआ इस सृष्टि से

(ॐ)
(ॐ)

है एक ओंकार निरंजन निरंकार
है अजर, अमर, आकर, विश्वधार, मन भजे

(शिवोहम, शिवोहम, शिवोहम)
(शिवोहम, शिवोहम, शिवोहम)
(शिवोहम, शिवोहम, शिवोहम)
(शिवोहम, शिवोहम, शिवोहम)

भूख में तप-सी तप रहा, भोजन बीच पठाय
विलप में साधु हँस रहा, अपना ही उपजा खाय
शेष, अशेष, विशेष में, समर्पण के भाव में

(शिवोहम, शिवोहम, शिवोहम)
(शिवोहम, शिवोहम, शिवोहम)
(शिवोहम, शिवोहम, शिवोहम)
(शिवोहम, शिवोहम, शिवोहम)

ठहर शांत, एकांत में, साध के मूलाधार
सर्जन स्वाधिष्ठान से, सूर्यमणि चमकार
विशुद्धि आज्ञा सहस्रार तक गूँजे अनाहत

(शिवोहम, शिवोहम, शिवोहम)
(शिवोहम, शिवोहम, शिवोहम)
(शिवोहम, शिवोहम, शिवोहम)
(शिवोहम, शिवोहम, शिवोहम)

खाली को तो भर दिया, भरे में भरा ना जाए
पानी में प्यासा रहा, तट पे बैठ लखाय
प्रश्न व्यस्न में उलझ-उलझ, हाँ, बिरथा गया जनम

(शिवोहम, शिवोहम, शिवोहम)
(शिवोहम, शिवोहम, शिवोहम)
(शिवोहम, शिवोहम, शिवोहम)
(शिवोहम, शिवोहम, शिवोहम)

(शिवोहम, शिवोहम, शिवोहम) दाता
(शिवोहम, शिवोहम, शिवोहम) दाता
(शिवोहम, शिवोहम, शिवोहम) दाता
(शिवोहम, शिवोहम, शिवोहम) दाता



Credits
Writer(s): Kailash Kher
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