Chandan Ki Naiya Pe Hoke

चंदन की नय्या पे हो के सवार गोरी
कर के सिंगार देखो चली उस पार
देखो, चली उस पार

(चंदन की नय्या पे हो के सवार गोरी)
(कर के सिंगार देखो चली उस पार)
(देखो, चली उस पार)
(चंदन की नय्या पे...)

दिल में उमंग लिए, अखियों में रंग लिए
नैना झुकाए चली है कहाँ?
हाथों में हार ले के, नैनों में प्यार ले के
गोरी के साजन खड़े हैं जहाँ
(गोरी के साजन खड़े हैं जहाँ)

हो, अपने बलमवा की सुनके पुकार गोरी
(कर के सिंगार देखो चली उस पार)
(देखो, चली उस पार)

(चंदन की नय्या पे हो के सवार गोरी)
(कर के सिंगार देखो चली उस पार)
(देखो, चली उस पार)
(चंदन की नय्या पे...)

सपनों में खोई-खोई, दिन को भी सोई-सोई
राज़ ना दिल का बताए सखी
जिया मजबूर हुआ, कुछ तो ज़रूर हुआ
काहे को हमसे छुपाए, सखी?
(काहे को हमसे छुपाए, सखी?)

हो, नैना ज़रूर कहीं हो गए चार गोरी
(कर के सिंगार देखो चली उस पार)
(देखो, चली उस पार)

(चंदन की नय्या पे हो के सवार गोरी)
(कर के सिंगार देखो चली उस पार)
(देखो, चली उस पार)
(चंदन की नय्या पे...)

दूर नगर पिय का, हाल बुरा जी का
रह-रह के शोर मचाए जिया

(दूर नगर पिय का, हाल बुरा जी का)
(रह-रह के शोर मचाए जिया)
खेल निराला खेला, दिल में लगाया मेला
पछताए अब गोरी ये क्या किया
(पछताए अब गोरी ये क्या किया)

हो, हँसी-हँसी में कैसी हो गई हार, गोरी?
(कर के सिंगार देखो चली उस पार)
(देखो, चली उस पार)

(चंदन की नय्या पे हो के सवार गोरी)
(कर के सिंगार देखो चली उस पार)
(देखो, चली उस पार)
(चंदन की नय्या...)



Credits
Writer(s): Rajinder Krishan, Hemant Kumar
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