Aao Balam

जिस तन लागे वो तन जाने
कौन जाने पीर पराई
दुख तुझको भी, ग़म मुझको भी
पर मैं कुछ ज़्यादा पाई

आओ बलम, मेरी क़सम
ऐसे ना मुझे तड़पाओ
ऐसा ना हो, तुम ना आओ
प्यार में मैं मर ना जाऊँ

बगीचे में गुलाब सी
सूरत उसकी काँच सी
नक़ाब में भी साफ़ थी
हक़ीक़त में लगती थी वो ख़्वाब सी

सवाल ना, छोटे, हर सवाल का जवाब थी
दिल के आर-पार ऐसे निगली वो
दिखती एकदम रावस, ना लगाती है जब टिकली वो
दिखने में बोले तो भारी चिकनी, bro

नीयत मेरी बिल्कुल ही नहीं टिकनी, bro
मेरे पीछे उसके जैसी कितनी हो
लेकिन उसके जैसी कोई नहीं मुझको दिखना, bro

बाप के घर से वटा के
शादी मैं कर लूँ भगा के
खाली कर डालूँ मैं दिल की ये बातें
ले जाऊँ तुझको तेरी माँ को बता के

तोलूँ मोहब्बत मैं दिल के तराज़ू पे
भारी करे दिल को निकले जब बाजू से
ख़्वाबों से मन में बसा लूँ मैं आज उसे

उनकी नज़र से बचा के जिगर
जाऊँ जहाँ उन्हीं का ज़िकर
उन्हीं का है डर, उन्हीं की फ़िकर
दिल ये मेरा उन्हीं का है घर

लेकिन वो तो दूर है
बनावटी ज़माने से मजबूर है
मेरी दुनिया में उसके चर्चे भी मशहूर हैं
मेरा होके भी मेरे पास नहीं, वो मेरा कोहिनूर है

बातें तेरी नसीब मेरी
आँखें गीली होने लगी फिर से यूँ ही
फैली काली रात है जो
बोले, "थम जा, गहरी साँस ले"

सुनना ना कुछ
जब तुमको रोके ये प्यारी सी घटाएँ
लेना ना कुछ
जब तुमसे आके सिमटे ठंडी सी फ़िज़ाएँ

ये तो हैं प्यार के बहाने
और ना होंगे फिर वो ज़माने
तुम जो थे तो पास थी ख़ुशियाँ
ना हो तो शिकवे कहाँ हैं?

जिस तन लागे वो तन जाने
कौन जाने पीर पराई
दुख तुझको भी, ग़म मुझको भी
पर मैं कुछ ज़्यादा पाई

आओ बलम, मेरी क़सम
ऐसे ना मुझे तड़पाओ
ऐसा ना हो, तुम ना आओ
प्यार में मैं मर ना जाऊँ



Credits
Writer(s): Karan Kanchan, Dhaval Parab, Shristi Rawat
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