Phir Na Aisi Raat Aayegi

फिर ना ऐसी रात आएगी
यूँ हमें जो साथ लाएगी
फिर ना ऐसी रात आएगी
यूँ हमें जो साथ लाएगी

नज़दीक से रात-भर देख लूँ मैं तुम्हें
जाने ना दूँ इस दफ़ा, रोक लूँ मैं तुम्हें
तुम सामने सच में हो या कोई ख़्वाब है?
ख़ुद पे नहीं है यक़ीं, पूछ लूँ मैं तुम्हें

फिर ज़ुबाँ पे एक मर्तबा
आज दिल की बात आएगी
फिर ना ऐसी रात आएगी
यूँ हमें जो साथ लाएगी

क्या ये मुमकिन है कभी तुम मेरे हो पाओगे?
मैं ये बाँहें खोल दूँगा, तुम गले लग जाओगे
जिस तरह उम्मीद से देखता हूँ मैं तुम्हें
तुम मुझे भी उस नज़र से देखने लग जाओगे

या इसी उम्मीद में मेरी
ज़िंदगी गुज़र जाएगी
फिर ना ऐसी रात आएगी
यूँ हमें जो साथ लाएगी

नज़दीक से रात-भर देख लूँ मैं तुम्हें
जाने ना दूँ इस दफ़ा, रोक लूँ मैं तुम्हें
तुम सामने सच में हो या कोई ख़्वाब है?
ख़ुद पे नहीं है यक़ीं, पूछ लूँ मैं तुम्हें



Credits
Writer(s): Pritam
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