Sajaunga Lutkar Bhi

सजाऊँगा लुट कर भी...
हाँ-हाँ, लहू जिगर का दूँगा...
(Hey, what?)

सजाऊँगा लुट कर भी तेरे बदन की डाली को (हाँ-हाँ)
लहू जिगर का दूँगा हसीं लबों की लाली को

Hey, महसूस ये होता है
दिल में यूँ हलचल सी तुझे सोच के होती है
Hey-hey, hey, तू यार बता खुल के
प्यार है क्या मुझसे, कह दे अब जो भी है

तू इक पल जिस पर कर ले तेरी नज़र
वो होश में ना आए
हा, तुझसे ही कितने मरते हैं मुझ पर
किस-किस को चाहें?

सजाऊँगा लुट कर भी तेरे...
लहू जिगर का दूँगा हसीं लबों की लाली को

सजाऊँगा लुट कर भी तेरे बदन की डाली को (हाँ-हाँ)
लहू जिगर का दूँगा हसीं लबों की लाली को
सजाऊँगा लुट कर भी तेरे बदन की डाली को
लहू जिगर का दूँगा हसीं लबों की लाली को

Hey, तू ज़रा, हँस के ज़रा जब देखे
Hey, है मेरा दिल बस में अब ये तेरे
सपने कई दिखने लगे, सर मेरी नज़रों के झुकने लगे
आती है शरम, आईने से हम धीरे-धीरे बचने लगे

ख़ुशबू से चंदन तेरी बने
तेरी धड़कन से रेशम बने
आजा मेरे संग, ज़िंदगी तेरी
हर ख़ुशी तेरी, मेरा तो बस तू है

किसी ने चाहा ना हो किसी को, तुझे यूँ चाहूँगी
आवाज़ देगा ख़यालों में भी, चली मैं आऊँगी

सजाऊँगा लुट कर भी तेरे बदन की डाली को (हाँ-हाँ)
लहू जिगर का दूँगा हसीं लबों की लाली को
सजाऊँगा लुट कर भी तेरे बदन की डाली को
लहू जिगर का दूँगा हसीं लबों की लाली को (चुरा लिया)

है वफ़ा क्या, इस जहाँ को
एक दिन दिखला दूँगा मैं दीवाना
सजाऊँगा...



Credits
Writer(s): Majrooh Sultanpuri, R.d. Burman, Kunaal Vermaa, Dharan Kumar
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