Tu Jo Sang Hai

तू ही है मंज़िल मेरी
तू ही मेरे रहगुज़र
चाहा किसी ने ना हो
चाहूँ तुझे इस कदर

तू जो संग है
मुझे क्या फिकर
तू है ज़िंदगी
तू ही हमसफ़र

तू ही है मंज़िल मेरी
तू ही मेरे रहगुज़र
चाहा किसी ने ना हो
चाहूँ तुझे इस कदर

तू जो संग है
मुझे क्या फिकर
तू है ज़िंदगी
तू ही हमसफ़र

चाहे जहाँ मैं रहूँ
तुझको ही सोचा करूँ
ख्वाबों-ख़यालों में भी
तुझको ही देखा करूँ

लम्हे मुलाक़ात के
लगते बड़े मुख्तसर

तू जो संग है
मुझे क्या फिकर
तू है ज़िंदगी
तू ही हमसफ़र (तू ही हमसफ़र)

एक दुसरे से जुदा
हम ना रहेंगे कभी
अब दूरियों की घुटन
हम ना सहेंगे कभी

तेरे ही साये तले
बीतेगी मेरी उमर

तू जो संग है
मुझे क्या फिकर
तू है ज़िंदगी
तू ही हमसफ़र

तू ही है मंज़िल मेरी
तू ही मेरे रहगुज़र
चाहा किसी ने ना हो
चाहूँ तुझे इस कदर

तू जो संग है
मुझे क्या फिकर
तू है ज़िंदगी
तू ही हमसफ़र



Credits
Writer(s): Anand-milind, Sameer Anjaan
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