Udh Gayi

रातें उड़ गई हैं मेरी, राते उड़ गई हैं
नज़र पाने के लिए, मेरी राते उड़ गई हैं
रातें उड़ गई हैं मेरी, राते उड़ गई हैं
नज़र पाने के लिए मेरी राते उड़ गई हैं

ऊँचाई को छूने के लिए मैं रास्ता बनाऊँगा
खुद पे भरोसा मैं ये करके दिखाऊँगा
हाँ, डरता नहीं किसी से
मेहनत का कमाना है
हक़ की रोटी खानी है
खुदा को सलाम, भाईयों को राम-राम
(भाईयो को राम-राम)

रातें उड़ गई हैं मेरी, राते उड़ गई हैं
नज़र पाने के लिए, मेरी राते उड़ गई हैं
रातें उड़ गई हैं मेरी, राते उड़ गई हैं
नज़र पाने के लिए मेरी राते उड़ गई हैं
रातें उड़ गई हैं मेरी, राते उड़ गई हैं



Credits
Writer(s): Kishore Kumar
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