Tumhari Yaad Ayee Hai

क्यूँ तेरे लिए तड़प रहा ये दिल मेरा?
क्यूँ सारा जहाँ ख़फ़ा लगे छूटा जो साथ तेरा?

ओ, मेरे राँझना, सुन ले ना दास्ताँ
दूर यूँ मुझसे जाओ ना

तुम्हारी याद आई है
नज़रों के सामने कभी तो आओ ना
तुम्हारी याद आई है
नज़रों के सामने कभी तो आओ ना
तुम्हारी याद आई है
नज़रों के सामने कभी तो आओ ना

अर्श से ज़मीं पे, हर ज़र्रे-ज़र्रे पे
राह-ए-इश्क़ पे चल के तुझको ही माँगू

अर्श से ज़मीं पे, हर ज़र्रे-ज़र्रे पे
राह-ए-इश्क़ पे चल के तुझको ही माँगू

महफ़ूज रख लूँ तुझको दिल में छुपा के
हिफ़ाज़त करूँगी तेरी खुद को मिटा के

ओ, मेरे राँझना, सुन ले ना दास्ताँ
दूर यूँ मुझसे जाओ ना

तुम्हारी याद आई है
नज़रों के सामने कभी तो आओ ना
तुम्हारी याद आई है
नज़रों के सामने कभी तो आओ ना
तुम्हारी याद आई है
नज़रों के सामने कभी तो आओ ना

काँच सा मैं टूटा हूँ, राख सा मैं बिखरा हूँ
फ़िज़ा-ए-मोहब्बत में उड़ता सा पत्ता हूँ
हाँ, काँच सा मैं टूटा हूँ, राख सा मैं बिखरा हूँ
फ़िज़ा-ए-मोहब्बत में उड़ता सा पत्ता हूँ

रश्क-ए-जन्नत हो तुम या कोई हूर हो?
पास रह कर भी क्यूँ इतनी तुम दूर हो?

ओ, मेरे राँझना, सुन ले ना दास्ताँ
दूर यूँ मुझसे जाओ ना

तुम्हारी याद आई है
नज़रों के सामने कभी तो आओ ना
तुम्हारी याद आई है
नज़रों के सामने कभी तो आओ ना
तुम्हारी याद आई है
नज़रों के सामने कभी तो आओ ना



Credits
Writer(s): Amjad Nadeem, Amjad Nadeem Aamir
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