Meri Hasi

मेरी हँसी में छुपे दर्द पहचानता है तू
मेरी हँसी में छुपे दर्द पहचानता है तू
हर दुआ में मुझे ही मुझे माँगता है तू
बारिशों में मेरे अश्क पहचानता है तू

क्योंकि मुझसे ज़्यादा मुझको जानता है तू
क्योंकि मुझसे ज़्यादा मुझको जानता है तू
क्योंकि मुझसे ज़्यादा मुझको जानता है तू

ऐसे तू शामिल है मुझमें जैसे कि दिन में उजाले हों
ऐसे ज़रूरी है मुझको तू जैसे लबों को ज़बाने हों
स्याह रातों में अक्स पहचानता है तू

क्योंकि मुझसे ज़्यादा मुझको जानता है तू
क्योंकि मुझसे ज़्यादा मुझको जानता है तू
क्योंकि मुझसे ज़्यादा मुझको जानता है तू

मेरी हँसी में छुपे दर्द पहचानता है तू
हर दुआ में मुझे ही मुझे माँगता है तू
बारिशों में मेरे अश्क पहचानता है तू

क्योंकि मुझसे ज़्यादा मुझको जानता है तू
क्योंकि मुझसे ज़्यादा मुझको जानता है तू
क्योंकि मुझसे ज़्यादा मुझको जानता है तू



Credits
Writer(s): Pankaj Goswami, Various Artists
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