Mere Mehboob Qayamat Hogi - Lofi

मेरे महबूब, क़यामत होगी
आज रुसवा तेरी गलियों में मोहब्बत होगी
मेरी नज़रें तो गिला करती हैं
तेरे दिल को भी सनम, तुझसे शिक़ायत होगी
मेरे महबूब...

मेरे सनम के दर से अगर
बाद-ए-सबा, हो तेरा गुज़र
कहना, "सितमगर, कुछ है ख़बर?
तेरा नाम लिया, जब तक भी जिया
ऐ शमा, तेरा परवाना"

जिससे अब तक तुझे नफ़रत होगी
आज रुसवा तेरी गलियों में मोहब्बत होगी
मेरे महबूब, क़यामत होगी
आज रुसवा तेरी गलियों में मोहब्बत होगी
मेरे महबूब...

तेरी गली मैं आता, सनम
नग़्मा वफ़ा का गाता, सनम
तुझसे सुना ना जाता, सनम
फिर आज इधर आया हूँ, मगर
ये कहने मैं दीवाना

ख़त्म बस आज ये वहशत होगी
आज रुसवा तेरी गलियों में मोहब्बत होगी
मेरे महबूब, क़यामत होगी
आज रुसवा तेरी गलियों में मोहब्बत होगी
मेरे महबूब...



Credits
Writer(s): Laxmikant Kudalkar, Pyarelal Ramprasad Sharma
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