Yaar Zaahir

यार, ज़ाहिर, ज़ाहिर जिया कर दे
यार, ज़ाहिर, ज़ाहिर जिया कर दे
काश कि तू चूम के ख़ुदा कर दे

जिस्म ये जंगल नहीं
जिस्म ये जंगल नहीं
हुआ कब से, चल मुझे
फिर हरा-भरा कर दे

सुना है, कोई रूठे तो
रूठे तो बढ़ती चाहतें
सुना है, कोई रूठे तो
रूठे तो बढ़ती चाहतें

है गुज़ारिश, तू मुझको ख़फ़ा कर दे
काश कि तू चूम के ख़ुदा कर दे

ज़ुल्फ़ें तेरी पहले बनीं
बादल बने बाद में

ज़ुल्फ़ें तेरी पहले बनीं
बादल बने बाद में
फूलों ने भी (फूलों ने भी) गहने तेरे (गहने तेरे)
पहने तेरी याद में

मैं ढूँढूँ तेरे चेहरे को
चेहरे को बादल में सदा
मैं देखूँ सारे फूलों में
फूलों में तेरी ही अदा

यार, ज़ाहिर, ज़ाहिर जिया कर दे
काश कि तू चूम के ख़ुदा कर दे

ख़ुमारी जैसे रूहों पे
रूहों पे चढ़ती चाहतें
सुना है, कोई रूठे तो
रूठे तो बढ़ती चाहतें

है गुज़ारिश, गुज़ारिश, ख़फ़ा कर दे
काश कि तू चूम के ख़ुदा कर दे

जिस्म ये जंगल नहीं
जिस्म ये जंगल नहीं
हुआ कब से, चल मुझे
फिर हरा-भरा कर दे



Credits
Writer(s): Sandesh Shandilya
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