Maaf Karna

जाने का मन तो नहीं था
आँखों को रोना नहीं था
फिर भी ये कदम उठ गए
नज़रों को फेर के चल दिए

जाने का मन तो नहीं था
आँखों को रोना नहीं था
फिर भी ये कदम उठ गए
नज़रों को फेर के चल दिए

जाते हुए ऊपर देखा
खिड़की पे तू था तन्हा, अकेला
चेहरे की रौनक सूख गई थी
बिखरा सा सपना अब रह गया

माफ़ करना तुम मुझे, भूल जाना तुम मुझे
मैं हमेशा के लिए जा रहा हूँ
माफ़ करना तुम मुझे, भूल जाना तुम मुझे
मैं हमेशा के लिए जा रहा हूँ

ये दिल तोड़ के जा रहा हूँ
यही सोच के तुम जी लेना
याद आए जब मेरे साथ की
दो पल चुपके तुम रो लेना

जाना ही था लिखा क़िस्मत में
आने का कोई परवान शायद नहीं था
टूटना ही था इस दिल को ऐसे
साथ मेरा शायद यहीं तक था

माफ़ करना तुम मुझे, भूल जाना तुम मुझे
मैं हमेशा के लिए जा रहा हूँ
माफ़ करना तुम मुझे, भूल जाना तुम मुझे
मैं हमेशा के लिए जा रहा हूँ



Credits
Writer(s): Prateek Gandhi
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