Taaza Taaza Ishq

Umm, जब से तूने हाथ दिया है
अपना मेरे हाथों में
जब से तूने हाथ दिया है
अपना मेरे हाथों में

ताज़ा-ताज़ा इश्क़ हुआ है
तुझसे दो मुलाक़ातों में
ताज़ा-ताज़ा इश्क़ हुआ है
तुझसे दो मुलाक़ातों में

मुझको मोहब्बत आती नहीं थी
तुझसे मिलने से पहले
हो, तुझसे मोहब्बत करनी है कैसे
मैंने तुझसे सीख लिया
मैंने तुझसे सिख लिया

Umm, नींद नहीं आती है लेकिन
तू आती है ख़्वाबों में
मैंने तो महसूस किया है
तुझको अपनी साँसों में

ताज़ा-ताज़ा इश्क़ हुआ है
तुझसे दो मुलाक़ातों में

देख के तुझको अब क्या देखूँ
सब कुछ तुझ में देख लिया
तेरा हो कर ही जीना है
मैंने ये भी सोचा लिया

जाने ऐसा क्या है तेरी
जागी सोई आँखों में
धीरे-धीरे आने लगी हूँ
मैं तो तेरी बातों में

ताज़ा-ताज़ा इश्क़ हुआ है
तुझसे दो मुलाक़ातों में
ताज़ा-ताज़ा इश्क़ हुआ है
तुझसे दो मुलाक़ातों में



Credits
Writer(s): Anupama Raag
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