Khata (feat. Gautam Gulati)

जान जो गए थे, ग़म ही मिलेंगे
दर्द सहेंगे इस सफ़र में
बढ़ते रहे यूँ, रुक ना गए क्यूँ
चलते रहे इसी डगर में

जाने क्यूँ दिल को बेक़रार करते रहे

तेरी ख़ता नहीं, मेरा गुनाह है ये
क्यूँ तुझ पे ऐतबार करते रहे?
तेरी ख़ता नहीं, मेरा गुनाह है ये
क्यूँ तुझ पे ऐतबार करते रहे? (करते रहे)

तेरी राहों में बैठे हुए
मंज़िल भूला ही बैठे थे हम
सब था ग़लत, जो उसको सही
ख़ुद से भला क्यूँ कहते थे हम?

सच का ही क्यूँ इनकार करते रहे?

तेरी ख़ता नहीं, मेरा गुनाह है ये
क्यूँ तुझ पे ऐतबार करते रहे?
तेरी ख़ता नहीं, मेरा गुनाह है ये
क्यूँ तुझ पे ऐतबार करते रहे? (करते रहे)

मैंने इश्क़ किया रे, तूने मुझ को दर्द दिया
क्या ये हक़ था मेरा जो ऐसी मिली है सज़ा?
भूल गए हैं उसको वो जो तेरी थी अदा
मेरा अपना नसीब जो भी मुझ को मिला (मुझ को मिला)

रहता था गुम तुझ में, सनम
दिल को कभी भी रोका नहीं
होगा क्या मेरा होके जुदा?
सोचा था, ऐसा कभी होगा नहीं

ऐसा यक़ीं क्यूँ हर बार करते रहे?

तेरी ख़ता नहीं, मेरा गुनाह है ये
क्यूँ तुझ पे ऐतबार करते रहे?
तेरी ख़ता नहीं, मेरा गुनाह है ये
क्यूँ तुझ पे ऐतबार करते रहे? (करते रहे)



Credits
Writer(s): Bhalu Rapper, Waqas Ali
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