Bairiya

मोती तेरी याद के, डोरी मेरी साँस
पिरो-पिरो के काटूँ कब तक जीवन का बनबास?
हो, मिट्टी की काया में अब भूख बची, ना प्यास
साँवरे साजन, पुकार ले मोहे अपने पास

जाप होंठों पे इक तेरे नाम का
जाप होंठों पे इक तेरे नाम का
जीते-जी लफ़्ज़ दूजा नहीं बोलना
जीते-जी लफ़्ज़ दूजा नहीं बोलना

हक़ अपनी ज़रा सी जान पे
तुझे पहली नज़र में ही दे दिया
"तेरा कुछ भी नहीं मैं," ये बोल के
बना सबकुछ मेरा तू, बैरिया

बैरिया, बैरिया, बैरिया
बैरिया, बैरिया, बैरिया

बैरिया

माँगें तेरी दीद का दान नैन मेरे दो ख़ाली कासे
आमद तेरी हो तो पलटें क़िस्मत के पासे

रज तेरे पाँव का चंदन है मेरा
क़दर-दाँ, मैं क़दर-दाँ तेरा
रब से छुपाया भी, तुझको बताऊँ मैं
मेहरमा, तू मेहरमा मेरा, तू ही राज़-दाँ

पियूँ अमृत का प्याला मान के
तूने हँस के ज़हर जो दे दिया
"तेरा कुछ भी नहीं मैं," ये बोल के
बना सबकुछ मेरा तू, बैरिया, बैरिया

बैरिया, बैरिया, बैरिया
बैरिया, बैरिया, बैरिया

बैरिया, बैरिया, बैरिया
बैरिया, बैरिया, बैरिया



Credits
Writer(s): Gurucharan Singh Sohel, Amitabh Bhattachary
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