Megha Re Megha

मेघा रे, मेघा
सागर ही से चुनके बूँदें, बादल भर लेना
साँवला रंग अच्छा लगता है
मुझको साँवला कर देना

सावन में तो बरस आते हो
बिन सावन माँगें तुम
प्यासों को तुम क्यूँ तरसाते हो?

तन पर इतना जल बरसे
मन को जलथल कर देना
मेघा रे, मेघा



Credits
Writer(s): Gulzar, A.r. Rahman
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