KHAMAKHA

तेरे बिन, ओ, मेरे हमनवा
हो गया हूँ जैसे मैं लापता
ख़ुशियाँ भी तो हैं मुझसे ख़फ़ा
ग़म ने ले ली है तेरी जगह

ख़ामोश है मेरा जिया
नाराज़गी दरमियाँ
यादों में तुम बेवजह
ख़्वाह-मख़ाह

ख़्वाह-मख़ाह, बेवजह दिल दे दिया
बेपनाह इश्क़ ने रुसवा किया
तुम ना रहे, ना राब्ता, कोई बचा ना वास्ता
हासिल हुईं बेताबियाँ ख़्वाह-मख़ाह

राहें तेरी ढूँढूँ भी तो कहाँ?
होके भी तू मुझमें जैसे फ़ना
ओ, अधूरा हूँ मैं, अधूरी है दास्ताँ
दिल पे रह गए बस दिल के निशाँ

शिकवा भी है, तुमसे गिला
शिकायतों का सिलसिला
जाने क्यूँ है बेवजह
ख़्वाह-मख़ाह

ख़्वाह-मख़ाह, बेवजह दिल दे दिया
बेपनाह इश्क़ ने रुसवा किया
हो गए तुम यूँ रिहा, राही रहा ना रास्ता
हासिल हुईं बेताबियाँ बेवजह, ओ

ख़्वाह-मख़ाह, बेवजह दिल दे दिया
बेपनाह इश्क़ ने रुसवा किया

तुम ना रहे, ना राब्ता
कोई बचा ना वास्ता
ख़्वाह-मख़ाह



Credits
Writer(s): Hopun Saikia, Prem Nikaju
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link