Maine Munh Ko Kafan Mein Chhupa Jab Liya

मैंने मुँह को कफ़न में छुपा जब लिया
मैंने मुँह को कफ़न में छुपा जब लिया
तब उन्हें मुझसे मिलने की फ़ुर्सत मिली
हाल-ए-दिल पूछने जब वो घर से चले
हाल-ए-दिल पूछने जब वो घर से चले
रास्ते में उन्हें मेरी मय्यत मिली
मैंने मुँह को कफ़न में छुपा जब लिया

वो जफ़ा कर के भी क़ाबिल-ए-कद्र है
मुझको मेरी वफ़ा का सिला ये मिला
वो जफ़ा कर के भी क़ाबिल-ए-कद्र है
मुझको मेरी वफ़ा का सिला ये मिला

जीते जी मैं तो रुसवा रहा उम्र भर
जीते जी मैं तो रुसवा रहा उम्र भर
बाद मरने की भी मुझको तोहमत मिली
मैंने मुँह को कफ़न में छुपा जब लिया

मेरी मय्यत को दीवाने की लाश है
ऐसा कह कर शहर में घुमाया गया
मेरी मय्यत को दीवाने की लाश है
ऐसा कह कर शहर में घुमाया गया

इस तरह उनको शोहरत खुदा की क़सम
इस तरह उनको शोहरत खुदा की क़सम
मेरी रुसवाईयों की बदौलत मिली
मैंने मुँह को कफ़न में छुपा जब लिया

एक ही शाख पर साज़ दो गुल खिले
चाल क़िस्मत की लेकिन ज़रा देखिए
एक ही शाख पर साज़ दो गुल खिले
चाल क़िस्मत की लेकिन ज़रा देखिए

एक गुल क़ब्र पर मेरी शर्मिंदा है
एक गुल क़ब्र पर मेरी शर्मिंदा है
एक को उनकी ज़ुल्फ़ों में इज़्ज़त मिली
मैंने मुँह को कफ़न में छुपा जब लिया
तब उन्हें मुझसे मिलने की फ़ुर्सत मिली
हाल-ए-दिल पूछने जब वो घर से चले
रास्ते में उन्हें मेरी मय्यत मिली
मैंने मुँह को कफ़न में छुपा जब लिया



Credits
Writer(s): Saaz Jabal Puri, K.panna Lal
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