Zulmat Kade Mein Mere (Lofi)

ज़ुल्मत-कदे में मेरे...
ज़ुल्मत-कदे में मेरे शब-ए-ग़म का जोश है
इक शम्अ है दलील-ए-सहर सो ख़मोश है

दाग़-ए-फ़िराक़-ए-सोहबत-ए-शब की जली हुई
दाग़-ए-फ़िराक़-ए-सोहबत-ए-शब की जली हुई
इक शम्अ रह गई है सो वो भी ख़मोश है
ज़ुल्मत-कदे में मेरे शब-ए-ग़म का जोश है

आते हैं ग़ैब से ये मज़ामीं ख़याल में
आते हैं ग़ैब से ये मज़ामीं ख़याल में
'ग़ालिब' सरीर-ए-ख़ामा नवा-ए-सरोश है
ज़ुल्मत-कदे में मेरे शब-ए-ग़म का जोश है

इक शम्अ है दलील-ए-सहर सो ख़मोश है
ज़ुल्मत-कदे में मेरे शब-ए-ग़म का जोश है



Credits
Writer(s): Mirza Ghalib, Jagjit Singh
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