Yeh Nazar (From "I Love You")

नादाँ है ये नज़र, दुनियाँ से बे-ख़बर
करती है ये सफ़र, ले असर
हल्की-हल्की बेख़ुदी का
नादाँ है ये नज़र, लहरों सी लौटकर
आती है तेरे दर, ले असर ख़ुमार का

यूँ ही जो तलब है, हाय, क्या ग़ज़ब है
ये मिटाने से मिटे ना
बाज़ी जो लगाऊँ, खुद ही हार जाऊँ
तुझसे जीतूँ क्या
मेरे ही बस में ना ये सिलसिला

नादाँ है ये नज़र, लहरों सी लौटकर
आती है तेरे दर, ले असर ख़ुमार का

इत्तिफ़ाक़ है, या है नसीब मेरा
महफ़िलों में तेरी हूँ मैं
ये मुसाफ़िरी जो फ़र्ज़ है मेरा तो राज़ी हूँ मैं
आँखों का तू आख़िरी ख़्वाब है

नादाँ है ये नज़र, दुनियाँ से बे-ख़बर
करती है ये सफ़र, ले असर
हल्की-हल्की बेख़ुदी का
नादाँ है ये नज़र, लहरों सी लौटकर
आती है तेरे दर, ले असर ख़ुमार का

आती है तेरे दर ले असर खुमार का



Credits
Writer(s): Hussain Haidry, Shor Police
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