Baarishon Mein

इतना तेरा इंतज़ार किया
दिल को ख़फ़ा १०० बार किया
तुझसे वफ़ा मैंने की इस क़दर
तेरी जुदाई से प्यार किया

टूट जाएँ जो रिश्ते, लाज़मी तो नहीं ये
कि दिलों से मोहब्बत हो ख़तम

बारिशों में जब याद आते हो तुम
भीग जाता हूँ मैं, मुस्कुराते हैं ग़म
मैं ज़मीं की तरह तरसा हूँ प्यार को
बादलों की तरह लौट आओ, सनम

बारिशों में जब याद आते हो तुम
भीग जाता हूँ मैं, मुस्कुराते हैं ग़म

छोड़ के मुझको जहाँ बैठे हो
कैसा वहाँ नज़ारा लगता है?

छोड़ के मुझको जहाँ बैठे हो
कैसा वहाँ नज़ारा लगता है?
तोड़ के पैरों में जो रखा है
वो दिल हमारा लगता है

जानता हूँ मैं, यूँ तो तुम कभी ना मिलोगे
फिर भी तुमको ही ढूँढें ये क़दम

बारिशों में जब याद आते हो तुम
भीग जाता हूँ मैं, मुस्कुराते हैं ग़म
मैं ज़मीं की तरह तरसा हूँ प्यार को
बादलों की तरह लौट आओ, सनम

बारिशों में जब याद आते हो तुम
भीग जाता हूँ मैं, मुस्कुराते हैं ग़म



Credits
Writer(s): Saini Gurpreet, G. Sharma Gautam, Rajendrakumar Raval Darshan
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