Rim Jhim Rim Jhim

रिम झिम रिम झिम रुम झुम रुम झुम
भीगी भीगी रुत में तुम हम हम तुम
चलते हैं चलते हैं
बजता है जलतरंग टीन के छत पे जब
मोतियों जैसा जल बरसे
बूँदों की ये झड़ी लाई है वो घड़ी
जिसके लिये हम तरसे, हो हो हो
बजता है जलतरंग टीन के छत पे जब
मोतियों जैसा जल बरसे
बूँदों की ये झड़ी लाई है वो घड़ी

जिसके लिये हम तरसे,
हा हा हा रिम झिम रिम झिम रुम झुम रुम झुम
भीगी भीगी रुत में तुम हम हम तुम
हो चलते हैं चलते हैं

बादल की चादरें ओढ़े हैं वादियां
सारी दिशायें सोई हैं
सपनों के गांव में भीगी सी छाँव में
दो आत्माएं खोई हैं
हो बादल की चादरें ओढ़े हैं वादियां
सारी दिशायें सोई हैं
सपनों के गांव में भीगी सी छाँव में

दो आत्माएं खोई हैं
रिम झिम रिम झिम ला ला
रुम झुम रुम झुम ला ला
भीगी भीगी रुत में हा हा
तुम हम हम तुम
हो चलते हैं चलते हैं

आई हैं देखने झीलों के आइने

बालों को खोले घटाएं
राहें धुआँ धुआँ जाएंगे हम कहाँ
आओ यहीं रह जाएं
हो . हो आई हैं देखने झीलों के आइने
बालों को खोले घटाएं
राहें धुआँ धुआँ जाएंगे हम कहाँ
आओ यहीं रह जाएं

रिम झिम रिम झिम... रिम झिम
रुम झुम रुम झुम.रुम झुम
भीगी भीगी रुत में .हे हे
तुम हम हम तुम
हो चलते हैं चलते हैं
रिम झिम रिम झिम... रिम झिम रिम झिम...
रुम झुम रुम झुम. रुम झुम रुम झुम
भीगी भीगी रुत में ...भीगी भीगी रुत में ...
तुम हम हम तुम
हो चलते हैं चलते हैं



Credits
Writer(s): Javed Akhtar, Rahul Dev Burman
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link