Ya Mujhe Afsare Sahi (LoFi Flip)

या मुझे अफ़सर-ए-शाहाना बनाया होता
या मेरा ताज गदायाना बनाया होता

ख़ाकसारी के लिए गरचे बनाया था मुझे
काश ख़ाक-ए-दर-ए-जानाना बनाया होता

नश्शा-ए-इश्क़ का गर ज़र्फ़ दिया था मुझ को
उम्र का तंग ना पैमाना बनाया होता

रोज़ मामूरा-ए-दुनिया में ख़राबी है 'ज़फ़र'
ऐसी बस्ती को तो वीराना बनाया होता

या मुझे अफ़सर-ए-शाहाना बनाया होता
या मेरा ताज गदायाना बनाया होता



Credits
Writer(s): Mirza Ghalib, Jagjit Singh
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