Tum Aur Main

उलझनें बढ़ रहीं, तुम लौट आना
ढूँढें तुम्हें, हम खो ना जाएँ
इतना ना दूर जाना

इन बारिशों में भीग रहे हैं
आँसुओं को छुपाएँ
तुम आकर गले से लगाना
कहीं हम मर ना जाएँ

साथ चलेंगे हर मुश्किल में
तुम और मैं, तुम और मैं
बिखरे हुए लम्हों को जोड़ देंगे
तुम और मैं, तुम और मैं

वो दिन-भर की बातें याद आती हैं
ये शामें यूँ तन्हा गुज़र जाती हैं
मैं बैठा रहूँ तेरी यादों को लेकर
बिन तेरे रातें यूँ कट जाती हैं

इन फ़ासलों में जल रहे हैं
कैसे तुम्हें समझाएँ?
तुम आकर गले से लगाना
कहीं हम मर ना जाएँ

साथ चलेंगे हर मुश्किल में
तुम और मैं, तुम और मैं
बिखरे हुए लम्हों को जोड़ देंगे
तुम और मैं, तुम और मैं



Credits
Writer(s): Prateek Gandhi
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link