Pukarta Chala Hoon Main (From "Mere Sanam")

पुकारता चला हूँ मैं गली-गली बहार की
बस एक छाँव ज़ुल्फ़ की, बस एक निगाह प्यार की
पुकारता चला हूँ मैं गली-गली बहार की
बस एक छाँव ज़ुल्फ़ की, बस एक निगाह प्यार की
पुकारता चला हूँ मैं...

ये दिल्लगी, ये शोख़ियाँ सलाम की
यही तो बात हो रही है काम की
कोई तो मुड़ के देख लेगा इस तरफ़
कोई नज़र तो होगी मेरे नाम की

पुकारता चला हूँ मैं गली-गली बहार की
बस एक छाँव ज़ुल्फ़ की, बस एक निगाह प्यार की
पुकारता चला हूँ मैं...

सुनी मेरी सदा तो किस यक़ीन से?
घटा उतर के आ गई ज़मीन पे
रही यही लगन तो, ऐ दिल-ए-जवाँ
असर भी, हो, रहेगा एक हसीन पे

पुकारता चला हूँ मैं गली-गली बहार की
बस एक छाँव ज़ुल्फ़ की, बस एक निगाह प्यार की
पुकारता चला हूँ मैं...



Credits
Writer(s): Onkar Prasad Nayyar, Majrooh Sultanpuri
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