Sabr Aur Shukr

सब्र और शुक्र कर लिया
जब से तेरा सज्दा कर लिया
सब्र और शुक्र कर लिया
जब से तेरा सज्दा कर लिया

इत्र तेरे इश्क़ का लगा के
हमने दुनिया अपनी जन्नत कर ली
तुझे छू के, अंग लगा के
हमने ख़ुदा की इबादत कर ली

रब से ऊपर तुझे दर्जा देकर
ऐसे गुनाहों की आदत कर ली
और जो तू रूठा दिन में मुझसे
रातों को तेरी तुझसे शिकायत कर ली

सब्र और शुक्र कर लिया
जब से तेरा सज्दा कर लिया
सब्र और शुक्र कर लिया
जब से तेरा सज्दा कर लिया

ना शख़्सियत है, ना शख़्स है
तेरे रूप से...
तेरे रूप से बना मेरा अक्स है
लबों से तेरे होंठों को छू कर
यक़ीं से परे मोहब्बत कर ली

(सब्र और शुक्र कर लिया)
(सब्र और शुक्र कर लिया)



Credits
Writer(s): Rajat Arora
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